सक्रिय घटक: टेट्रानिलिप्रोल 0.4% w/w + फिप्रोनिल 0.6% w/w GR
पैक साइज: 5kg
भारत के किसान अक्सर धान जैसी जरूरी फसलों में कीटों और बीमारियों की वजह से भारी नुकसान झेलते हैं। इन फसलों में सबसे नुकसानदायक कीटों में शामिल है राइस स्टेम बोरर, खासकर पीला स्टेम बोरर। ये कीट पौधे की मुख्य शाखा को खराब कर देते हैं, जिससे परिणामस्वरूप ‘डेड हार्ट’ जैसी स्थिति हो जाती है जहां पौधे का बीच वाला हिस्सा सूख जाता है और ‘व्हाइट ईयर’ जहां बबालियां सूख जाती हैं और भूसीदार दाने पैदा होते है। इससे फसल की पैदावार और अनाज की क्वालिटी पर असर पड़ता है।
इन्हीं समस्याओं से निपटने के लिए बायर लेकर आया है बिकोटा — एक दमदार, लंबे समय तक असर करने वाला, इस्तेमाल में आसान और सुरक्षित समाधान। बिकोटा आपकी फसल को धान में स्टेम बोरर और मिट्टी में रहने वाले कीटों से लंबे समय तक बचाता है और पौधों की बढ़वार और अंकुरण में सुधार करता है, जिससे पैदावार बढ़ती है। साथ ही मिट्टी के कीटों से भी व्यापक सुरक्षा मिलती है।
बिकोटा का असर बहुत तेज और प्रभावशाली है। यह धान की फसल में स्टेम बोरर जैसे कीटों को जल्दी काबू करता है। यह कीट के मांसपेशियों और नर्वस सिस्टम पर सीधा असर करता है। यह रयानोडिन रिसेप्टर्स को टारगेट करता है, जिससे मांसपेशियों में कैल्शियम तेजी से निकलता है और मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं। इससे कीट खाना छोड़ देता है और लकवा मार जाता है। साथ ही, यह कीट की नर्वस सिस्टम में गाबा-गेटेड क्लोराइड चैनल्स को ब्लॉक कर देता है, जिससे कीट की हरकतें असामान्य हो जाती हैं और आखिर में वह मर जाता है।
धान में, बिकोटा दूसरे उत्पादों की तुलना में करीब 1 हफ्ता ज्यादा सुरक्षा देता है, जिससे ‘डेड हार्ट’ और ‘व्हाइट ईयर’ जैसी समस्या नहीं आती और बार-बार दवा डालने की जरूरत भी कम हो जाती है।
बिकोटा दोहरे तरीके से काम करता है: यह रयानोडिन रिसेप्टर्स को मॉड्यूलेट करता है और गाबा-गेटेड क्लोराइड चैनल्स को ब्लॉक करता है।
इससे कीटों में रेजिस्टेंस कम होती है और टर्माइट जैसे मिट्टी के खतरनाक कीटों से भी सुरक्षा मिलती है और फायदेमंद कीड़ों और दवा छिड़कने वालों के लिए सुरक्षित होने के कारण आईपीएम तकनीकों का समर्थन करता है।
कुछ लाभों में शामिल हैं:
शानदार और असरदार फसल सुरक्षा
शुरुआती दौर में ही कीट और बीमारी से सुरक्षा
लंबे समय तक असरदार, जिससे बार-बार दवा डालने की जरूरत नहीं
बेहतर टिलरिंग, जिससे पौधों की ग्रोथ अच्छी होती है
जड़ों का अच्छा विकास
पूरी फसल साइकिल में पौधों की ताकत बनी रहती है
लगाने में आसान, कोई स्पेशल उपकरण की जरूरत नहीं
ज्यादा प्रोडक्टिव टिलरिंग, जिससे बेहतर फसल प्रदर्शन
Helps obtain higher yields through healthy plant growth
प्रभावी कीट नियंत्रण के लिए कीटों के नर्वस और मांसपेशी सिस्टम को लक्ष्य करके दोहरे मोड के माध्यम से काम करता है
कीटों में रेजिस्टेंस रोकने में मददगार
दवा छिड़कने वालों और फायदेमंद कीड़ों के लिए सुरक्षित
एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) प्रथाओं के साथ अच्छी तरह से काम करता है
स्टेम बोरर
5 किलो प्रति एकड़ (20 किलो रेत के साथ मिलाकर)
15-25 दिन रोपाई के बाद या कीट दिखने पर
ध्यान दें: सिर्फ उन्हीं फसलों पर इस्तेमाल करें, जो ऊपर तालिका में बताई गई हैं।
बिकोटा, बायर का एक खास समाधान है, जो धान को स्टेम बोरर जैसे खतरनाक कीटों से बचाता है। इससे ‘डेड हार्ट’ और ‘व्हाइट ईयर’ जैसी समस्याएं नहीं होतीं और पौधे स्वस्थ रहते हैं।
यह कीट के मांसपेशियों और नर्वस सिस्टम पर सीधा असर करता है, जिससे कीट खाना छोड़ देता है, लकवा मार जाता है और मर जाता है। इससे पौधे का मुख्य हिस्सा सुरक्षित रहता है।
रोपाई के 15-25 दिन बाद या जब कीट दिखाई दे, तब बिकोटा डालें। इससे समय रहते सुरक्षा मिलती है।
5 किलो प्रति एकड़, 20 किलो रेत में मिलाकर। ये मात्रा स्टेम बोरर पर बेहतरीन असर करती है।
बिकोटा को रेत या खाद के साथ मिलाकर बिखेरें। ये ग्रैन्युलर फॉर्म में है, जिससे समान रूप से फैलाना आसान है।
हाँ, बिकोटा लंबे समय तक सुरक्षा देता है और शुरुआती दौर में ‘डेड हार्ट’ रोकने में मदद करता है। बाजार में उपलब्ध अन्य उत्पादों से करीब 1 हफ्ता ज्यादा असर करता है।
बिना कृषि विशेषज्ञ की सलाह के बिकोटा को अन्य दवाओं के साथ न मिलाएं।
हाँ, ये आईपीएम के अनुकूल है। पर ध्यान रहे, जल स्रोतों या मधुमक्खियों के समय दवा न छिड़कें।
हाँ, ये स्टेम बोरर के साथ-साथ टर्माइट जैसे मिट्टी के खतरनाक कीटों पर भी असर करता है।
इसमें बायर का खास ड्यूल मोड ऑफ एक्शन है: मांसपेशियों और नर्वस सिस्टम पर असर। इसकी ग्रैन्युलर फॉर्म से आसानी से फैलाया जा सकता है। ये लंबे समय तक सुरक्षा देता है और पौधों की ग्रोथ बढ़ाता है।
अन्य उत्पादों की तुलना में बिकोटा करीब 1 हफ्ता ज्यादा सुरक्षा देता है।
हाँ, बिकोटा आईपीएम सिस्टम में मददगार है। ये लक्षित कीटों पर असर करता है और फायदेमंद कीड़ों को नुकसान नहीं पहुंचाता।
बिकोटा लगाने के बाद पौधों में ‘डेड हार्ट’ और नुकसान कम दिखेगा। टिलरिंग और ग्रोथ बेहतर नजर आएगी।
बिकोटा की उपलब्धता आपके क्षेत्र और नियमों पर निर्भर करती है। अपने नजदीकी कृषि दुकानों, होलसेलरों या अधिकृत बायर डीलरों से संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए बायर की वेबसाइट या कस्टमर सर्विस से बात करें।
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